आपने प्रभु श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुंह में रखकर अथाह समुद्र को लांघ लिया, आपके लिए इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। इस जगत के कठिन से कठिन काम भी आपकी कृपा से सहज हो जाते है। और देवता चित्त न धरई। हनुमत सेइ सर्ब सुख करई।। स्वच्छ वस्त्र https://mangalwar-ke-upay59146.blog2freedom.com/20056586/the-ultimate-guide-to-hanuman-chalisa-in-english