हंस और हंसिनी को भटकते-भटकते रात हो गयी, तो हंस ने हंसिनी से कहा देखो रात भी गई इसलिए हम किसी भी तरह यहाँ आज की रात बिता लेते हैं, फिर सुबह होते ही यहाँ से चले जायेंगे। उन्होंने गाँधी जी को संकेत कर बगल वाले छात्र से नक़ल कर https://success-stories-in-hindi56532.robhasawiki.com/11050518/tv_serial_updates_in_hindi_fundamentals_explained